उत्तर प्रदेश में इन दिनों राजनीति अपने चरम पर है जहाँ पर नेता हो या कोई आम जनता हो सब लोग कही न कही एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये जा रहे है और कही न कही इस कारण से लोगो को ये समझ नही आ रहा है कि वाकई में कौन सही है और कौन गलत है? अब अपने नम्बर बनाने के चक्कर में अक्सर राजनेता कुछ ज्यादा ही बोल जाते है और ऐसा लगता है मानो राजनीतिक गरिमा का ख्याल ही नही रखा गया है और ऐसा ही के बार फिर से देखा गया है.
मायावती का बयान, सीएम योगी आदित्यनाथ को हटाकर मठ में बिठा दे केंद्र सरकार
अभी हाल ही में हाथरस में जो कुछ भी हुआ है उस पर सिस्टम अपनी तरफ से सारी जांच कर रहा है और मालूम करने की कोशिश कर रहा है कि ये सब कैसा हुआ और जो भी दोष है उनको सजा दी जाये, योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी तरफ से सख्त कार्यवाही के आदेश दे दिये है, मगर यहाँ पर समस्या ये है कि इस पूरे मामले का राजनीतिकरण कर दिया गया है जिसमे मायावती ने भी बयान बाजी की है.
मायावती ने अपने बयान में कहा कि मुझे लग रहा था हाथरस घटना के बाद में यूपी सरकार हरकत में आएगी मगर ऐसा नही हुआ, यूपी में बदमाश लोग जो बेटियों के साथ कर रहे है वो आज तक नही हुआ. फिर मेने बलरामपुर की घटना सुनी तो इसने मुझे झकझोर दिया. आरएसएस के दबाव में बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री तो बना दिया लेकिन उनसे प्रदेश सम्भल नही रहा है. प्रदेश में केंद्र हस्तक्षेप करे और योगी आदित्यनाथ को फिर सीएम पद से हटाकर के फिर से मठ में बैठा दे.
मायावती के इस बयान पर सोशल मीडिया में लोगो में खूब नाराजगी है क्योंकि इससे ने सिर्फ एक चुने हुए व्यक्ति को पद से इस तरह हटाने की बात हो रही है बल्कि मठ को लेकर के भी योगी आदित्यनाथ का अपमान होते हुए नजर आ रहा है.