आज सारी की सारी दुनिया आर्थिक मंदी की तरफ धकेली जा चुकी है और लोग बड़े परेशान है क्योंकि एक तरफ तो जान का खतरा है, हेल्थ इन्फ्रा हर तरफ से लडखडा चुका है और लोगो की इनकम धराशायी हो रही है. अब जाहिर सी बात है महामारी के मामले में ऐसा होना ही है लेकिन इस वक्त में भी हिन्दुस्तान ने अपनी तरफ से काम करना और विकसित होते रहना नही छोड़ा है और आज की डेट में इकनोमिक मामले में भारत ने एक और नया और बड़ा मुकाम छू लिया है.
भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार अपने सर्वोच्च स्तर पर, रूस तीसरे तो भारत पांचवे नम्बर पर
एक विदेशी मुद्रा भण्डार किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करता है और भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार हाल ही में पूरे 501 अरब डॉलर के पार जा चुका है जो अब तक का सबसे सर्वोच्क स्तर है. अब तक विदेशी मुद्रा भण्डार के मामले में टॉप तीन देश चीन, जापान और रूस थे लेकिन अब भारत भी इस लिस्ट में आ चुका है और अपनी दावेदारी पांचवे नम्बर पर पक्की कर ली है जो जल्द ही टॉप थ्री की ओर अग्रसर है.
फोरेन रिजर्व अपने आप में एक देश की शक्ति को बयान करता है. इससे कई सारे मुश्किल ट्रेड को अंजाम दिया जा सकता है और अगर देश में कोई आपात स्थिति आ जाए तो फिर इस पैसे का इस्तेमाल करके उससे निपटा जा सकता है ताकि आम लोगो की सामान्य जिन्दगी पर कोई बड़ा रिस्क न आ जाए. यही नही वार टाइम में भी फोरेन रिजर्व होना देश को एक संबल देता है और भारत ने इस संबल को बड़े ही ऊँचे लेवल पर हासिल कर लिया है.
पहले भारत का फोरेन रिजर्व उतना ज्यादा नही था लेकिन अटल सरकार आने के बाद से ही ये बढना शुरू हुआ था और अप्रत्याशित रूप से बढ़ा जो मोदी सरकार में सर्वोच्च स्तर पर है. कई एक्सपर्ट्स तो कहते है कि आने वाले वक्त में भारत कोशिश करेगा तो नम्बर दो भी हासिल कर सकता है लेकिन इसमें एक लंबा अरसा तय करना होगा.