इन दिनों महाराष्ट्र और यूपी के बीच में काफी ज़्यादा खींचतान चल रही है और दोनों ही राज्य जताने में लगे है कि हम तो तुम्हारे बिना बड़े ही आराम से कर लेंगे. यहाँ पर राज्यों से तात्पर्य यहाँ की सरकारों से है और इसी तनातनी के बीच योगी आदित्यनाथ ने ऐसा ऐलान कर दिया है जो उन राज्यों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है जो मेन पॉवर के लिए कही न कही उत्तर प्रदेश पर निर्भर करते है. वैसे इसे श्रमिको के इतिहास में भी काफी महत्त्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है.
स्किल मैपिंग का काम पूरा, अब सस्ती दरो पर मकान और दुकाने उपलब्ध करवाएगी योगी सरकार
अब तक अलग अलग राज्यों से यूपी में कुल 14 लाख से भी प्रवासी मजदूर या और भी लोग लौटे है. इन सबकी स्किल मैपिंग का काम पूरा कर लिया गया है और अब योगी सरकार इनको अपने ही राज्य में काम में लेने के पक्ष में नजर आ रही है. इसके लिए योगी सरकार ने ऐलान किया है कि वो बेहद ही सस्ती दरो पर मकान और दुकाने उपलब्ध करवाएगी. झुग्गी आदि का समाधान होगा और प्राइवेट बिल्डर्स की मदद से शोपिंग काम्प्लेक्स आदि का निर्माण होगा.
कही न कही ये एक बहुत ही बड़ा फैसला है जिसके जरिये योगी सरकार यही पर अपने राज्य में प्राइवेट कम्पनियों के माध्यम से इन्वेस्टमेंट को बढ़ाना चाह रही है, मॉल और शोपिंग काम्प्लेक्स बनवाना चाह रही है, अपनी वर्क फ़ोर्स को यूपी के ही विकास के लिए उपयोग में लेना चाह रही है जो अपने आप में एक बहुत ही बड़ा कदम होने जा रहा है. सरकार का कहना है कि वो कम कीमत पर ये सब लाने के साथ ही साथ किराए पर देने का सिस्टम भी लाएगी जो कम पूँजी वालो के लिए काफी मददगार होगा.
इससे मुंबई जैसे शहरो को दिक्कत हो सकती है क्योंकि यहाँ की अर्थव्यवस्था का पहिआ घुमाने में यूपी के श्रमिको का बहुत ही बड़ा हाथ रहा है और अगर वो अब अपने राज्य में रह जाते है तो इसकी गति धीमी पड़ सकती है.