आज अमेरिका को महाशक्ति के तमगे को बरकरार रखना है और चीन की चुनौती से निपटना है तो जाहिर तौर पर भारत की मदद तो चाहिए ही होगी क्योंकि इसके बिना तो कुछ और हो पाना संभव ही नही है और ऐसे वक्त में भारत को अमेरिका पहले ही काफी सहूलियत दे चुका है लेकिन हाल ही में एक और सौदा ऐसे वक्त में हुआ है जब अमेरिका खुद भी करोना से जूझ रहा है मगर इसके जरिए अमेरिका ने अपनी दोस्ती का इजहार भारत के साथ में करने का प्रयास किया है जो कि अच्छी पहल है.
भारत को अत्याधुनिक टोरपीडो और हलकी मिसाइले देगा अमेरिका, काफी वक्त से भारत सरकार चाह रही थी
लम्बे समय से भारत सरकार अपने क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिये अमेरिका से कुछ विशेष उपकरण और हथियार चाह रही थी जिसे अमेरिका के द्वारा हाल ही में मंजूरी मिल गयी है. इसमें 16 ‘एमके 54 ऑल राउंड टॉरपीडो और तीन ‘एमके 54 एक्सरसाइज टॉरपीडो के अलावा कुछ हारपून ब्लॉक II मिसाइले भी शामिल है जो अमेरिकी सेना का भी काफी विशेष सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला हथियार है. ये अत्यधिक सटीक निशाना लगाने वाले है.
इनका सौदा लगभग 12 से 13 करोड़ डॉलर के आस पास का है और ये ऐसे वक्त में हुआ है जब अमेरिका चीन से खुन्नस खाकर के बैठा हुआ है और भारत चाहे तो ऐसे वक्त में काफी और फायदे भी ले सकता है जैसे जापान अमेरिका जैसे देशो की कम्पनियां अपनी कई निर्माण इकाईया चीन से निकाल रही है जिसके लिए जाहिर तौर पर उन्हें किसी और देश में जाना होगा और वो एक देश भारत भी हो सकता है क्योंकि एशिया में चीन को टक्कर देने वाला तो एक भारत ही है ये तो मानना ही पड़ेगा. इसके अलावा अमेरिका ने भारतीयो के वीजा को भी एक्सटेंशन दे दिया है जो एक अच्छा संकेत है.
ऐसे में अमेरिकी रक्षा उपकरणों तक अपनी पहुँच बनाकर के और कई मल्टी नेशनल कम्पनियों को अपने देश में निर्माण इकाईयां लगाकर के भारत एशिया में एक सैन्य और आर्थिक ताकत के रूप में उभर सकता है अगर वाकई में इस पर काम किया जाए तो ये संभव है.