एक वक्त था जब शिवसेना और बीजेपी को एक दुसरे का ऐसा साझा रणनीतिकार माना जाता था जो अपने आप में काफी ज्यादा मजबूत थे और किसी को उम्मीद न थी कि ये दोस्ती टूटेगी लेकिन सत्ता के लालच के चलते न सिर्फ ये दोस्ती टूटी बल्कि साथ ही साथ में अब एक दुसरे के आमने सामने होकर के ये दोनों ही खड़े भी है. अभी हाल ही में जो उद्धव ठाकरे ने जो किया है वो तो मोदी सरकार के लिए काफी बड़े बुरे सपने से कम नही है क्योंकि सबसे बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट खतरे में है.
उद्धव ठाकरे ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को रोका, जमीन अधिग्रहण का काम तक पूरा नही हुआ
उद्धव ठाकरे ने सामना को ही दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने अभी के लिए बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को रोक दिया है क्योंकि हमारे लिए प्राथमिकता राज्य का विकास है यहाँ के लोग है. अभी के लिए इसे स्थगित कर दिया गया है लेकिन अगर भविष्य में हमें लगता है कि बुलेट ट्रेन से राज्य को गति मिल रही है और यहाँ के लोगो को रोजगार और बिजनेस मिल रहा है तो ही हम इसे चालू करेंगे.
नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पर इस तरह से अडंगा लगाकर के उद्धव ठाकरे सीधे सीधे तौर पर मोदी सरकार से टक्कर ले रहे है और ऐसे में जाहिर तौर पर राज्य और केंद्र के बीच में टकराव बढेगा और इस पर मोदी सरकार कोई रिएक्शन नही लेगी या फिर उत्तर नही देगी ये तो हो नही सकता तो इसके लिए समय का इन्तजार करना होगा कि आगे क्या कुछ होता है?
आपको बता दे सरकार चाह रही थी कि सन 2022 तक बुलेट ट्रेन का काम पूरा हो जाए और इसके अगले वर्ष से लोग अहमदाबाद से मुंबई तक इसी ट्रेन से सफ़र भी करे लेकिन लगता है कि अगर इसी तरह की राजनीति चलती रही तो फिर ये काम पूरा होने से ही रहा.