सरकार को कश्मीर पर जो फैसला करना था वो कर चुकी है और इस बात को तो अब एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त भी बीत चुका है और सारे देश भी जान चुके है कश्मीर अब कोई भी विवादित क्षेत्र नही रहा बल्कि भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है. ऐसी स्थिति में सब कुछ भारत की इच्छा के मुताबिक़ ही हो रहा है. हालांकि कुछ विपक्ष के लोग या फिर पाक के लोग विरोध जरुर कर रहे है लेकिन इन सबके बीच में अब देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान भी आ गया है.
मनमोहन सिंह ने कहा, जनता की अभिलाषा का नही रखा गया ख्याल
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह कहते है ‘देश की ज्यादातर जनता की अभिलाषा का ध्यान इसमें नही रखा गया है. अब हम लोग सिर्फ अपनी आवाज उठाकर के ही दूरगामी रूप से भारत के विचार जीवित रहे इस बात को सुनिश्चित कर सकते है. ये बहुत ही पवित्र है.’ कही न कही मनमोहन सिंह खुलकर के बोल नही पाए लेकिन वो अचानक लिए हुए इस फैसले में जनता की सहमती का जिक्र कर रहे थे हालांकि उन्होंने खुद ऐसे कई फैसले लिये है सरकार में रहते जिसमे उन्होंने अपने साथी दलों तक को भरोसे में नही लिया था.
सिर्फ मनमोहन नही राहुल, चिदम्बरम और मणिशंकर अय्यर जैसे नेता भी जता चुके है विरोध
ऐसा नही है कि इस तरह से सिर्फ मनमोहन सिंह ने अपनी बात रखी हो. राहुल तो ट्वीट करके तुरंत ही विरोध जता चुके है. इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने भी कहा कि अगर कश्मीर में हिन्दू बाहुल्य होता तो सरकार 370 कभी भी नही हटाती. वही मणिशंकर अय्यर ने तो इस पूरे मसले की तुलना फिलीस्तीन तक से कर डाली है तो ये बयान अपने आप में पार्टी के लिए घातक सिद्ध हो रहे है.
कई बड़े नेताओं के इस तरह के बयान के चलते न सिर्फ कांग्रेस को जनता से आलोचना झेलनी पड़ रही है बल्कि साथ ही साथ में कुछ एक दिग्गज नाम तो कांग्रेस छोडकर के भाजपा में शामिल हो रहे है और इससे बुरा भला और क्या हो सकता है?