ध्वनि प्रदूषण देश में एक बहुत ही बड़ी समस्या के तौर पर उभरकर के सामने आया है और कही न कही इसी समस्या की वजह से लोग परेशान भी रहते है. ख़ास तौर पर ये समस्या तब ज्यादा बढ़ जाती है जब नमाज दिन में कई बार होती है और हर बार बड़े बड़े लाउड स्पीकर पर उच्चारण होता है. इससे जो लोग इसमें दिलचस्पी नही रखते है उन्हें काफी ज्यादा दिक्कत तो होती ही है साथ ही साथ में ध्वनि प्रदूषण की मात्रा में भी बढ़ोतरी होती है जिस पर पहली बार किसी कोर्ट ने इतना सख्त कदम उठाया है कि उसकी तारीफ़ हो रही है.
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने लगाया दोनों राज्यों में अवैध रूप से बज रहे लाउडस्पीकरो पर बैन, तय किये नये दिशा निर्देश
ध्वनि प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए पंजाब और हरियाणा में सुबह 6 बजे से पहले किसी भी धार्मिक स्थल चाहे वो मंदिर हो, मस्जिद हो या गुरुद्वारा हो हर जगह पर स्पीकर या लाउडस्पीकर बजाना अवैध मना जाएगा. ये गैरकानूनी होगा और ऐसा करने पर सजा भी हो सकती है. कोर्ट ने कहा है कि अगर इसके बाद में कोई लाउडस्पीकर बजाना भी चाहता है तो उसे पहले अथॉरिटी को पहले एक पत्र लिखना होगा जिससे उसे इजाजत मिलेगी तभी वो इसे बजा पायेंगे.
कोर्ट ने आवाज की लिमिट भी तय करके दी है
हाई कोर्ट ने साफ़ साफ़ कहा है कि अगर किसी धार्मिक स्थल को थोडा बहुत लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी जाती है तो इसका मतलब ये नही है कि वो जैसे मन हो वैसे इसे बजा पायेंगे इसके लिए सिर्फ 10 डेसिबल तक की ध्वनि की ही परमिशन होगी. अगर इससे ज्यादा की आवाज होती है तो इसे पूरी तरह से गैर कानूनी माना जाएगा. कोर्ट ने एसएसपी से लेकर बाकी सभी अधिकारियों को भी इसके सम्बन्ध में निर्देश दे दिए है.
इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा है कि कुछ विशेष संस्कृतिक या धार्मिक आयोजनों के समय स्पीकर बजाने की छूट दी जा सकती है लेकिन इसके साल में सिर्फ गिने चुने दिन ही होंगे. वही बच्चो की पढ़ाई पर भी हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में बोलते हुए कहा है कि जब स्कूल और कॉलेज की परीक्षाये हो रही हो तब इलाको में 15 दिन पहले ही स्पीकर बंद हो जाने चाहिए.