भारत और पाकिस्तान के बीच में कश्मीर का मुद्दा काफी पुराना है. या फिर यूँ कहिये जबसे पाकिस्तान पैदा हुआ है तबसे ही ये समस्या चल रही है और भारत को भी इस वजह से कई बार परेशानी झेलनी पड़ी है. अब जब पाक सामरिक मोर्चे पर भारत के सामने पूरी तरह से फेल हो चुका है तो इमरान खान ने कूटनीति अपनानी शुरू कर दी है जिसके जरिये वो मोदी को चुनौती देने की कोशिश कर रहे है. अभी हाल ही में वो अमेरिका पहुंचे और उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात में उनसे ऐसा कुछ बुलवा दिया जो अपने आप में शॉकिंग था.
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा ‘ मोदी ने मुझे कश्मीर पर मध्यस्थता करने को कहा’, भारत ने कहा ऐसा हो नही सकता
इमरान खान खुद कश्मीर हासिल नही कर सकते है इसलिए उन्होंने अमेरिका के जरिये ये सब करने की कोशिश की है. डोनाल्ड ट्रम्प ने इमरान से बात में कह दिया मोदी ने खुद मुझसे जापान में कहा था कि क्या आप कश्मीर पर मध्यस्थता करना चाहेंगे? मैंने ऐसा करने में ख़ुशी जाहिर की. वर्ल्ड लेवल पर इस तरह की बात कही गयी है जिसके बाद में भारत ने साफ़ कर दिया हम ऐसा कुछ नही चाहते है और न ही पीएम मोदी ने ऐसा कुछ कहा है. इसके बाद में डोनाल्ड ट्रम्प झूठे साबित हुए.
इमरान ने खेली नेक्स्ट लेवल पॉलिटिक्स
भारत के मीडिएटर वाले प्रस्ताव को नकारने के बाद इमरान खुदको शांतिदूत टाइप का इन्सान दिखाने में लगे है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा ‘ उपमहाद्वीप में 70 साल से अस्थिरता लाने वाले कश्मीर पर डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव को नकारने वाले भारत के बयान से मैं चकित हूँ. कश्मीर की पीढियों ने इस मुद्दे को इस दर्द को झेला है और अब इसके समाधान को किये जाने की बेहद ही जरूरत है.’
3. Surprised by reaction of India to Pres Trump's offer of mediation to bring Pak & India to dialogue table for resolving Kashmir conflict which has held subcontinent hostage for 70 yrs. Generations of Kashmiris have suffered & are suffering daily and need conflict resolution.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 23, 2019
इमरान खान अभी अपना मुल्क तो संभाल नही पा रहे है और दिन रात सिर्फ कश्मीर का रोना रोने में लगे हुए है. खैर अब अमेरिका हो या चीन हो या रूस हो दुनिया की कोई भी ताकत भारत के कश्मीर पर स्टैंड को हिला नही सकती है. भारत ये साफ़ कर चुका है और कही न कही देश की अखंडता को बरकरार रखने के लिए ये प्रतिबद्धता जरूरी भी है.