मिशन कश्मीर को लेकर के देश के गृहमंत्री अमित शाह काफी ज्यादा सख्त है. रिपोर्ट के अनुसार जब से अमित शाह गृहमंत्री बने है उसके बाद से ही वो लगातार अपनी नजर कश्मीर और उसके हालात पर बनाये हुए है. एनआईए पहले से ज्यादा एक्टिव हो गयी है और हाल ही में लगातार तीन मीटिंग्स करने के बाद में सरकार इस निर्णय पर पहुँची है कि जम्मू कश्मीर में परिसीमन फिर से किया जाना चाहिए.
दरासल जम्मू कश्मीर में जम्मू बड़ा क्षेत्र है लेकिन इसके बावजूद वहाँ पर विधानसभा सीटो की संख्या कम है और ऐसे में अब परिसीमन करके न सिर्फ वहाँ पर सीट्स की संख्या बढ़ाई जायेगी बल्कि साथ ही साथ इसमें अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था का भी प्रावधान किया जाएगा. अगर जम्मू में विधानसभा सीटो की संख्या बढ़ जाती है तो यहाँ पर बीजेपी का प्रतिनिधित्व बढ़ जाएगा और विधानसभा में भी बीजेपी के एमएलए बढ़ेंगे.
अगर ऐसा होता है तो संभावना बढ़ेगी कि पूरे जम्मू कश्मीर में ही बीजेपी की सरकार बन जाए क्योंकि बादमें कश्मीर में सीट्स और जमू की सीट्स में संतुलन बनेगा जो कि फ़िलहाल नही है. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया को शुरू करने के बाद में पीडीपी का पारा सातवे आसमान पर पहुँच चुका है. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए अमित शाह पर निशाना साधा और कहा ‘ जिस कश्मीर को लोग सुरक्षा समस्या शुरू से बता रहे है वो सुरक्षा नही बल्कि एक राजनीतिक समस्या है. इसे बैठकर के हल किया जाना चाहिए और पकिस्तान का भी एक पक्ष होना चाहिए.
Since 1947, Kashmir’s been looked through the prism of security by successive governments. It’s a political problem that needs a political redressal by involving all stakeholders inc Pak.Expecting a quick fix through brute force by newly appointed HM is ridiculously naive
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) June 3, 2019
अमित शाह जो करने जा रहे है वो बेहद ही क्रूर कदम है.’ महबूबा मुफ्ती जिस तरह से तिलमिला रही है उसके बाद ये तो साफ़ हो ही जाता है कि अमित शाह के गृहमंत्री बनते ही कश्मीर में प्रभाव दिखने लगा है और उम्मीद है आने वाले पांच वर्षो में कश्मीर की समस्या का जड़ से इलाज कर दिया जाएगा.